Tuesday, 4 April 2017

जनधन खाते का खर्च निकालने के लिए चार्ज लगाना जरूरी: SBI अरुंधती भट्टाचार्य

जनधन खाते का खर्च निकालने के लिए चार्ज लगाना जरूरी: SBI अरुंधती भट्टाचार्य


बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस बढ़ाने और इससे कम बैलेंस होने पर चार्ज लगाने के फैसले की चारों ओर कड़ी आलोचना होने पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बचाव किया है। SBI अरुंधती भट्टाचार्य तर्क दिया है कि उसे बड़ी संख्या में जनधन खातों का रखरखाव करना है। इसके वित्तीय भार की भरपाई करने के लिए चार्ज लगाया गया है।
SBI बैंक ने यह भी कहा है कि चार्ज पर पुनर्विचार करने के बारे में उसे सरकार की ओर से कोई औपचारिक पत्र नहीं मिला है। अगर उसे कोई पत्र मिलता है तो वह आवश्यक कदम उठायेगा। उसने पिछला स्पष्टीकरण भी दोहराया है कि जनधन खातों में पेनाल्टी नहीं लगेगी। पिछले सप्ताह देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ ने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस बढ़ाने के साथ ही इससे कम बैलेंस होने पर पेनाल्टी दुबारा लगाने की घोषणा की थी। इसके अलावा उसने दूसरी सेवाओं पर चार्ज लगाये थे। ये चार्ज एक अप्रैल से प्रभावी किये जाएंगे। इसके बाद विपक्षी पार्टियों समेत तमाम वर्गो की ओर से कड़ी आलोचना की गई।
एसबीआइ (SBI) की चेयरपरसन अरुंधती भट्टाचार्य ने यहां महिला उद्यमियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद संवाददाताओं को बताया कि हमें वित्तीय समावेशन के लिए खोले गये 11 करोड़ जनधन खातों का भार उठाना है। इन खातों का रखरखाव करने के लिए आ रहे वित्तीय भार को संतुलित करने के लिए हमें चार्ज लगाने की आवश्यकता है। हमने तमाम विकल्पों पर सावधानीपूर्वक विचार किया और सबसे उपयुक्त कदम उठाया।
एसबीआइ (SBI) ने महानगरों में बचत खातों में मासिक औसत बैलेंस (एमएबी) 5000 रुपये कर दिया है। खाते में बैलेंस इससे कम होने पर 100 रुपये तक (सेवा कर अलग) लगेगा। छोटे शहरों के लिए एमएबी कम रखा गया है। इसी तरह चार्ज भी निर्धारित बैलेंस के मुकाबले वास्तविक बैलेंस के बीच के अंतर के आधार पर तय होगा। भट्टाचार्य ने कहा कि सभी बैंकों में न्यूनतम बैलेंस का नियम है। एसबीआइ में न्यूनतम बैलेंस सबसे कम है। बैंक पहले भी बैलेंस कम होने पर चार्ज लगाता था। उसने 2012 में यह चार्ज हटा दिया था। उन्होंने दावा किया कि यादातर खातों में बैलेंस 5000 रुपये से यादा रहता है इसलिए पेनाल्टी की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
Source: Jagran

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