10वीं पास नहीं की तो जा सकती है, अनुकम्पा के आधार पर नौकरी का मामला
10वीं
पास नहीं
की तो
जा सकती
है नौकरी

नौकरी पाने
वाले कुछ
कर्मचारियों
ने पांच
वर्ष की
अवधि बीत
जाने पर
भी दसवीं
कक्षा की
परीक्षा
पास नहीं
की. अब
जोनल रेलवे
उनकी नौकरी
को लेकर
क्या निर्णय
करे. उसने
इसका समाधान
रेलवे बोर्ड
से मांगा
है जबकि
रेलवे बोर्ड
ने वित्त
मंत्रालय
और डीओपीटी
से समाधान
मांगा है.
इसके बाद
ही ऐसे
कर्मचारियों
का भविष्य
तय हो
सकेगा.
दरअसल छठे
वेतन आयोग
की सिफारिशों
में 1800 के
ग्रेड पर
लेबल-1एस
श्रेणी
बनायी गयी
थी. इस
श्रेणी
में यह
शर्त लगायी
गयी थी
कि आठवीं
कक्षा पास
व्यक्ति
को नौकरी
दी जाएगी.
लेकिन नौकरी
मिलने के
बाद उस
व्यक्ति
को पांच
वर्ष की
अवधि में
दसवीं की
परीक्षा
उत्तीर्ण
करनी होगी.
इस नियम
में यह
जिक्र नहीं
था कि
यदि पांच
वर्ष में
भी उस
व्यक्ति
ने दसवीं
कक्षा की
परीक्षा
पास नहीं
की तो
क्या होगा?
नौकरी रहेगी
या जाएगी.
कुल मिलाकर
इस श्रेणी
में मृत
कर्मचारियों
के आश्रितों
को अनुकम्पा
के आधार
पर नौकरी
दी गयी.
पांच वर्ष
की अवधि
बीत जाने
के बाद
अब भी
कुछ ऐसे
कर्मचारी
बच गये
हैं, जिन्होंने
दसवीं की
परीक्षा
पास नहीं
की है.
इस बीच
सातवें
वेतन आयोग
की सिफारिशें
आ गयीं
और सातवें
वेतन आयोग
की सिफारिशों
में 1एस
लेबल का
जिक्र नहीं
है. सातवें
वेतन आयोग
की सिफारिशों
में 1800 के
ग्रेड पे
पर लेबल-1
श्रेणी
बनायी गयी
है. इसी
के साथ
यह तय
किया गया
है कि
अब आठवीं
कक्षा पास
व्यक्ति
को नौकरी
नहीं दी
जाएगी. किसी
भी दशा
में नौकरी
पाने वाले
व्यक्ति
को दसवीं
कक्षा की
परीक्षा
पास करनी
होगी.
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